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*🥀 ईदुल फ़ित्र स-द-कए फ़ित्र 🥀*
*पोस्ट- 01*
*💵 स-द-कए फ़ित्र*
बा दे र -मज़ान नमाजे ईद की अदाएगी से कब्ल दिया जाने वाला स-द-कए वाजिबा , स-द-कए फ़ित्र कहलाता है
💵खलीले मिल्लत हज़रत अल्लामा मुफ्ती मुहम्मद खलील खान बरकाती अलैरहमा फ़रमाते हैं :
💵 " स-द-कए फ़ित्र दर अस्ल रमजानुल मुबारक के रोज़ों का स-दका है ताकि लग्व और बेहूदा कामों से रोजे की तहारत हो जाए और साथ ही गरीबों , नादारों की ईद का सामान भी और रोज़ों से हासिल होने वाली ने'मतों का शुक्रिया भी
*📚हमारा इस्लाम , हिस्सा :7 , स . 87 )*
*🌾 स-द-कए फ़ित्र की फ़ज़ीलत की 4 रिवायात*
1️⃣ रसूलल्लाह ﷺ से इस आयते करीमा के बारे में सुवाल किया गया
*📓तरजम ए कन्जुल ईमान :*
बेशक मुराद को पहुंचा जो सुथरा हुवा और अपने रब का नाम ले कर नमाज़ पढ़ी
💵रसूलल्लाह ﷺ ने फ़रमाया : “ येह आयत स-द-कए फ़ित्र के बारे में नाज़िल हुई
2️⃣ रसूलल्लाह ﷺ का फ़रमाने बरकत निशान है : “ जो तुम्हारे मालदार हैं अल्लाह तआला ( स द कए फ़ित्र देने की वजह से ) उन्हें पाक फ़रमा देगा और जो तुम्हारे गरीब हैं तो अल्लाह उन्हें इस से भी ज़ियादा देगा
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*🏁 मसलके आला हजरत 🔴*
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