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*🥀 ईदुल फ़ित्र स-द-कए फ़ित्र 🥀*
*पोस्ट- 03*
*🌾स-दकए फ़ित्र की अदाएगी की हिक्मत*
💵हज़रते सय्यिदुना इब्ने अब्बास رضی اللہ تعالی عنہ से मरवी है
💵रसूलल्लाह ﷺ ने रोज़ों को लग्व और बे हयाई की बात से पाक करने के लिये और मिस्कीनों को खिलाने के लिये स -दकए फ़ित्र मुकर्रर फ़रमाया
💵हकीमुल उम्मत मुफ्ती अहमद यार खान नईमी अलैरहमा इस हदीस के तहत फ़रमाते हैं :
💵या'नी फ़ित्रा वाजिब करने में 2 हिक्मतें हैं
💵1 एक तो रोज़ादार के रोज़ों की कोताहियों की मुआफ़ी अक्सर रोजे में गुस्सा बढ़ जाता है तो बिला वजह लड़ पड़ता है , कभी झूट गीबत वगैरा भी हो जाते हैं , रब तआला इस फित्रे की बरकत से वोह कोताहियां मुआफ़ कर देगा कि नेकियों से गुनाह मुआफ़ होते हैं दूसरे मसाकीन की रोज़ी का इन्तिज़ाम
*📚मिरआतुल मनाजीह , जि.3,स . 43 )*
*💵स-दकए फ़ित्र का शरई हुक्म*
💵स-दकए फ़ित्र देना वाजिब सहीह बुखारी में अब्दुल्लाह बिन उमर رضی اللہ تعالی عنہ रिवायत करते हैं
💵 रसूलुल्लाह ﷺ ने मुसल्मानों पर स-दकए फ़ित्र मुकर्रर किया
*💵 स-दकए फ़ित्र किस पर वाजिब है ?*
स-दकए फ़ित्र हर उस आज़ाद मुसल्मान पर वाजिब है जो मालिके निसाब हो और उस का निसाब हाजते अस्लिया से फ़ारिग हो
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*🏁 मसलके आला हजरत 🔴*
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