लाउडस्पीकर का बेजा इस्तेमाल 2

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*🥀 लाउडस्पीकर का बेजा इस्तेमाल 2 🥀*



*पोस्ट-17*

✏️ और बाज़ जगह तो यह अंधेर है मोहल्ले या बस्ती मे करीब करीब मस्जिदें हैं और रमज़ान में सहरी के वक्त हर मस्जिदवसे तेज़ आवाज़ वाले लाउडस्पीकर के ज़रिये नातिया और तकरीरी प्रोग्राम नशर किये जा रहे हैं और आवाजें एक दूसरे से टकरा रही हैं और सिवाये शोर और हंगामे के कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है। ऐसा लग रहा है कि जैसे दीनी बातों और इस्लामी आवाजों के साथ खिलवाड़ सा हो रहा है।

और आजकल दिल दिमाग के मरीजों की तादाद बहुत तेज़ी से बढ़ गई है और बढ़ रही है ऐसे मरीज़ों के लिये तेज़ आवाजें सख़्त नुक्सान देने वाली हैं और यह जो माहौल सामने आया है कि हर शख़्स फ्री है जो जब जहाँ चाहे मजलिसों, महफिलों या ऐलानात के नाम पर अपने घर या किसी मज़हबी मुकाम से लाउडस्पीकर लगाकर ज़बरदस्ती लोगों को सुनाना या परेशान करना शुरू कर देता है। इसपर पाबन्दी की सख्त ज़रूरत है ख़्वाह किसी मज़हब का मामला हो और यह मज़हब का गलत इस्तेमाल है।

महफ़िलों मजलिसों में इस किस्म के माइक्रोफोन इस्तेमाल किये जायें जिनकी आवाज़ अन्दर पिंडाल या हाल में रहे खासकर रात के वक़्त एक अज़ीम इस्लामी बुजुर्ग आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा अलहिर्रहमा बरेलवी से बुलन्द आवाज़ से कुर्आन करीम की तिलावत के बारे में पूछा गया तो फ़रमाया!

कुर्आन मजीद की तिलावत आवाज़ से करना बेहतर है मगर न इतनी आवाज़ से कि अपने आप को तकलीफ या किसी नमाज़ी या ज़ाकिर के काम में खलल हो या किसी जायज़ नींद सोने वाले की नींद में खलल आये या किसी बीमार को तकलीफ पहुँचे या बाज़ार या सराये आम हो या लोग अपने कामकाज में मशगूल हों और कोई सुनने के लियें हाज़िर न रहेगा इन सब सूरतों में आहिस्ता ही पढ़ने का हुक्म है।

📚(फ़तवा रिज़विया जिल्द 23 सफ़हा 383 मतबूआ रज़ा फाउन्डेशन लाहौर)

एक और जगह लिखते है:

मगर ऐसा जेहर (जोर से पढ़ना) जिससे किसी की नमाज़, तिलावत या नींद में खलल आवे या मरीज़ को ईजा (तकलीफ) पहुँचे नाजाइज़ है।

*📚(फतावा रिज़विया मज़कूरा सफ़हा 180 )*

और कोई भी ज़िक्रे खैर वह कुर्आन की तिलावत हो या नाते नज़में तकरीरें जब लोग सुनने के लिये आमादह तैयार न हों अपने काम काज में मशगूल हों तो ज़बरदस्ती उन्हें नहीं सुनाना चाहिये इससे कलामे खैर की अहमियत घटती है और अवाम की नज़र में वैल्यू कम होती है और हो ही रही है खासकर जबसे लाउडस्पीकर चला है तब से।

*📚रमज़ान का तोहफ़ा सफ़हा 26,27*

*✍️मौलाना ततहीर अहमद रज़वी बरेलवी*
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*🏁 मसलके आला हजरत 🔴*

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