🏁🔴🏁🔴🏁🔴🏁🔴🏁🔴



      *🥀 जकात की अहमियत 🥀* 



             *पोस्ट – 5* 

🔥 *जकात अदा ना करने के खौफनाक अजाबात*

     💰 *माल अजाब बन जाएगा* 💰


🌴 *हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम* ﷺ ने फ़रमाया :

       जिसको अल्लाह तआला ने माल दिया और वो उस की ज़कात अदा न करे तो क़यामत के दिन वो माल गंजे सांप 🐍 की सूरत में कर दिया जाएगा.... जिस के सर पर दो सियाही निशान होंगे, वो सांप उसके गले में तौक़ बना कर डाल दिया जाएगा। 
        फिर उस की बाहें पकड़ेगा और कहेगा : 
        *मैं तेरा माल हु, मैं तेरा खजाना हु।*

*सहीह बुखारी* 1/474 हदिष 1403


🌴 *आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा खान* अलैरहमा क़ुरआनो हदिष में बयान कर्दा अज़ाबात का नक्शा खीचते हुए फरमाते है :

👉🏼 जिस सोने चांदी की ज़कात न दी जाए, रोज़े क़यामत जहन्नम की आग में तपा कर इससे उनकी पेशानिया, करवटें, पीठ पर दागी जाएगी।
अल्लाहू अकबर ❗

👉🏼 उनके सर पिस्तान पर जहन्नम का गर्म पथ्थर रखेंगे कि छाती तोड़ता शाने से निकल जाएगा, पीठ तोड़ कर करवट से निकलेगा, गुद्दी तोड़ कर पेशानी से उभरेगा। ❗

👉🏼 जिस माल की ज़कात न दी जाएगी रोज़े क़यामत पुराना खबीस खू खार अज़हदा बन कर उसके पीछे दौड़ेगा, ये हाथ से रोकेगा, वो हाथ चबालेगा, फिर गले में तोक बन कर पड़ेगा, इसका मुह अपने मुह में ले कर चबाएगा कि मैं हु तेरा माल, मैं हु तेरा खज़ाना।
*फिर उसका सारा बदन चबा डालेगा।* 🐍


🤲🏼 *आला हज़रत रहमतुल्लाह अलैह* ज़कात न देने वाले को क़यामत के अज़ाब से डरा कर समझाते हुवे फरमाते है :

❓ ऐ अज़ीज़ ! क्या खुदा व रसूल के फरमान को युही हँसी ठठ्ठा समझता है ???

❓ या क़यामत के दिन (जिस का दिन 50,000 बरस का है) में ये सख्त मुसीबते झेलनी सहल जानता है ??? 

❗ ज़रा यही की आग में *एक आध रूपया गर्म करके बदन पर रख कर देख*, फिर कहां ये हलकी सी गर्मी, कहां वो क़हर आग, कहां ये एक ही रूपया कहां वो सारी उम्र का जोड़ा हुवा माल, कहां ये मिनट भर की देर, कहां वो हज़ार दिन बरस की आफत, कहां ये मामुलिसा दाग कहां वो हड्डिया तोड़ कर पार होने वाला गज़ब। ❓

🙏🏼 अल्लाह तआला हम सब मुसलमानो को हिदायत बख्शे और *ईमानदारी से जकात अदा करने की तौफीक दे.... आमीन।*

📚 *फतावा रज़विय्या* 10/ सफा 175
📚 *बरकाते ज़कात* सफा 23



👑👑👑👑👑👑👑👑👑👑
*🏁 MASLAKE AALA HAZRAT 🔴*

Comments

Popular posts from this blog

Nade ALI Shareef Ka Mahe Ramzanul Mubarak ka mujarrab Amal

barkat E Ramadan 27