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🥀 *जकात की अहमियत* 🥀



             *पोस्ट – 7* *समाप्त*

    ❓ *जकात के मसाइल* ❓

💰 *जकात की बुनियादी दो किस्मे है।*

1⃣ माल की जकात 
2⃣ अफ़राद की जकात (यानी सदकए फ़ित्र)


1⃣ *माल की जकात की मजीद दो किस्मे है*

*(1)* सोने चांदी की जकात 
*(2)* माले तिजारत और मवेशियों (पालतू जानवर) जराअत और फलों की जकात (यानी उशर)

❗ *जकात किस पर फ़र्ज़ है ?* ❗

👉🏼 जकात देना हर उस आकिल, बालिग़ और आज़ाद मुसलमान पर फ़र्ज़ है जिसमे यह शराइत पाई जाए 
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*1.* निसाब का मालिक होना 

*2.* यह निसाब नामी हो। 

*3.* निसाब उस के कब्जे में हो। 

*4.* निसाब उस की हाजतें असलिय्या यानी ज़रूरियाते जिंदगी से ज्यादा हो।  

*5.* निसाब क़र्ज़ से फारिग हो (यानी उस पर ऐसा क़र्ज़ न हो जिस का मुतालबा बन्दों की जानिब से हो, की अगर वह क़र्ज़ अदा करे तो उसका निसाब बाकि न रहे।  

*6.* इस निसाब पर एक साल गुजर जाए। 

(बहारे शरीअत जी. 1 हिस्सा: 5 सफा 875 से 884)

📌 *गौर और फिक्र करे की क्या आप में ये शराइत पाई जाती है और क्या आप पर जकात फर्ज है ?* 


❗ *शराइत की तफ्सील* ❗

1⃣ *निसाब का मालिक होना*

जकात के फर्ज होने की पहली और अहम शर्त ये है कि वोह शख्स मलिके निसाब हो। 

👉🏼 मालिके निसाब होने से यह मुराद है की उस शख्स के पास या तो साढ़े सात तोले सोना, या साढ़े बावन तोले चांदी *या इतनी मालिय्यत की रकम (cash)*, या इतनी मालिय्यत का माले तिजारत या इतनी मालिय्यत का हाजाते असलिय्या से ज्यादा सामन मौजूद हो ।

❓ *हाजतें अस्लिय्या किसे कहते है ?*

👉🏼 हाजतें अस्लिय्या (यानी ज़रूरियाते जिंदगी) से मुराद वोह चीज़ें हैं जिन की उमूमन इंसान को जरूरत होती है और उनके बगैर गुजर अवकात में शदीद तंगी व दुश्वारी महसूस होती है।

👉🏼 मसलन जिन्हे मुख्तलिफ लोगों से राबिते की हाजत होती हो उनके लिए टेलीफोन या मोबाइल, जो लोग कंप्यूटर पर किताबत करते हो उसके जरिए रोजगार हासिल हो। 

👉🏼 इसी तरह सवारी के लिए साइकल, स्कूटर, कार या दीगर गाड़िया या दीगर अश्या की जिनके बगैर अहले हाजत का गुजारा मुश्किल से हो, हाजतें असलिय्या में से हैं।

📚 *हवाला: फैजाने जकात*



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*🏁 मसलके आला हजरत 🔴*

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