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*🥀 ईदुल फ़ित्र स-द-कए फ़ित्र 🥀*
*पोस्ट- 13*
*🎊ईदी मिलने की रात :*
खुदाए रहमान त'अला हम गुनहगारों पर किस कदर मेहरबान है एक तो रमजानुल मुबारक में सारा महीना वोह हम पर अपनी रहूमतें नाज़िल फ़रमाता ही रहता है
🎊फिर जूं ही येह मुबारक महीना हम से जुदा होता है , फौरन हमें ईदे सईद की खुशियां अता फरमाता है
🎊गुज़श्ता हदीसे मुबारक में शव्वालुल मुकर्रम की चांद रात या'नी
शबे ईदुल फित्र को "
लैलतुल जाइज़ा " या'नी " इन्आम की रात ' करार दिया गया है। येह रात नेक लोगों को इन्आम मिलने की गोया " ईदी " दिये जाने की रात है। इस मुबारक रात की बेहद फजीलत है
*🎊दिल जिन्दा रहेगा :*
रसूलल्लाह ﷺ का फरमाने बरकत निशान है , जिस ने ईदैन की रात ( या'नी शबे ईदुल फित्र और शबे ईदुल अज़्हा ) तलबे सवाब के लिये कियाम किया , उस दिन उस का दिल नहीं मरेगा , जिस दिन ( लोगों के ) दिल मर जाएंगे
*📚सुनने इब्ने माजह , जिल्दः 2 , सफ़ह 365 , हदीस : 1782 )*
*🎊 जन्नत वाजिब हो जाती है* एक और मकाम पर हज़रते सय्यिदुना मुआज बिन जबल رضی اللہ تعالی عنہ से मरवी है , फ़रमाते हैं,
🎊जो पांच रातों में शब बेदारी करे उस के लिये जन्नत वाजिब हो जाती है
1 जुल हिज्जा शरीफ़ की आठवीं , नवीं और दस्वीं रात ( इस तरह तीन रातें तो येह हुई ) और
4 चौथी ईदुल फित्र की रात ,
5 पांचवीं शा'बानुल मुअज्जम की पन्दरहवीं रात ( या'नी शबे बराअत )
*📚अत्तरगीब वत्तरहीब , जिल्दः 2 , सफह: 98 , हदीसः 2 )*
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*🏁 मसलके आला हजरत 🔴*
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