ईदुल फ़ित्र स-द-कए फ़ित्रPOST 1⃣5⃣🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
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*🥀 ईदुल फ़ित्र स-द-कए फ़ित्र 🥀*
*आखरी पोस्ट- 15*
*🎊औलियाए किराम रहमतुल्लाह तआला अलैह भी तो ईद मनाते रहे हैं :*
आजकल गोया लोग सिर्फ नए नए कपड़े पहनने और उम्दा खाने तनावुल करने को ही ईद समझ बैठे हैं ज़रा गौर तो कीजिये !
🎊 हमारे बुजुर्गाने दीन भी तो आख़िर ईद मनाते रहे हैं मगर इन के ईद मनाने का अन्दाज़ ही निराला रहा है। वोह दुन्या की लज्जतों से कोसों दूर भागते रहे हैं और हर हाल में अपने नफ्स की मुखा - लफत करते रहे हैं
*🎊रूह को भी सजाइये* : इस में कोई शक नहीं कि ईद के दिन गुस्ल करना , नए या धुले हुए कपड़े पहनना और इत्र लगाना सुन्नत है। येह सुन्नतें हमारे ज़ाहिरी बदन की सफाई के लिये हैं। लेकिन हमारे इन साफ , उजले और नए कपड़ों और नहाए हुए और खुश्बू मले हुए जिस्म के साथ साथ हमारी रूह भी , हम पर हमारे मां बाप से भी ज़ियादा मेहरबान खुदाए रहमान की महब्बत व इताअत और
🎊 रसूलल्लाह ﷺ की उल्फ़त व सुन्नत से खूब खूब सजी हुई होनी चाहिये
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*🏁 मसलके आला हजरत 🔴*
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