फैजाने ईदुल फ़ित्र
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*🥀 फैजाने ईदुल फ़ित्र 🥀*
🖊 *शहज़ादियों की ईद :* अमीस्ल मुअमिनीन हज़रते सय्यिदुना उमर बिन अब्दुल अज़ीज़ رضی اللہ تعالی عنہ की ख़िदमत में ईद से एक दिन कब्ल आप رضی اللہ تعالی عنہ की शहज़ादियां हाज़िर हुई और बोली , " बाबा जान ! कल ईद के दिन हम कौन से कपड़े पहनेंगी ?फ़रमाया येही कपड़े जो तुम ने पहन रखे हैं , इन्हें धो लो , कल पहन लेना ! नहीं ! बाबा जान ! आप हमें नए कपड़े बनवा दीजिये, बच्चियों ने ज़िद करते हुए कहा । आप رضی اللہ تعالی عنہ ने फरमाया , मेरी बच्चियो ! ईद का दिन अल्लाहु रब्बुल इज़्ज़त की इबादत करने , उस का शुक्र बजा लाने का दिन है, नए कपड़े पहनना ज़रूरी तो नहीं ! बाबा जान ! आप का फरमाना बेशक दुरुस्त है लेकिन हमारी सहलियां हमें ता'ने देंगी कि तुम अमीरुल मुअमिनीन رضی اللہ تعالی عنہ की लड़कियां हो और ईद के रोज़ भी वोही पुराने कपड़े पहन रखे हैं ! येह केहते हुए बच्चियों की आंखों में आंसू भर आए। बच्चियों की बातें सुन कर अमीस्ल मुअमिनीन رضی اللہ تعالی عنہ का दिल भी भर आया । आप رضی اللہ تعالی عنہ ने ख़ाज़िन ( वजीरे मालियात ) को बुला कर फरमाया : " मुझे मेरी एक माह की तनख्वाह पेशगी ला दो। ख़ाज़िन ने अर्ज की , " हुजूर ! क्या आप को यकीन है कि आप एक माह तक जिन्दा रहेंगे ? " आप رضی اللہ تعالی عنہ ने फ़रमाया : तू ने बेशक उम्दा और सहीह बात कही। " ख़ाज़िन चला गया। आप رضی اللہ تعالی عنہ ने बच्चियों से फ़रमाया , " प्यारी बेटियो ! अल्लाह व रसूल ﷺ की रिज़ा पर अपनी ख्वाहिशात को कुरबान कर दो। "
📚 *( मा'दने अख़्लाक , हिस्सए अव्वल , सफह : 257 ता 258 )*
*📚फ़ज़ाइले रमज़ान,सफह 461*
*👉 अल्लाह की उन पर रहमत हो और उन के सदके हमारी मग़्फ़िरत हो..अपनी नेक दुआओं में याद रखें..*
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*🏁 मसलके आला हजरत 🔴*
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